आयकर विभाग की नज़र में आपके वित्तीय लेन-देन हमेशा रहते हैं, खासकर जब बड़ी रकमों का संचार हो। कुछ ट्रांजेक्शन स्वतः ही विभाग को सूचित होते हैं, जिससे आपको नोटिस मिलने का जोखिम बढ़ जाता है। यहां 6 ऐसे लेन-देन बताए गए हैं जिन पर विशेष सावधानी बरतनी चाहिए:
##1# 10 लाख से अधिक के FD (फिक्स डिपॉजिट)
**नियम*
एक वित्तीय वर्ष में 10 लाख रुपये से अधिक की FD (नकद या डिजिटल) जमा करने पर बैंक CBDT को रिपोर्ट करता है।
-##जोखिम# विभाग स्रोत (Source of Income) पूछ सकता है। नकद जमा करने पर **आयकर अधिनियम की धारा 269SS/269T** के तहत कार्रवाई हो सकती है।
##सुझाव** FD के लिए डिजिटल भुगतान का उपयोग करें और ITR में इनकम दिखाएं।
##2 *बैंक में नगदी जमा (10 लाख से अधिक)
**नियम**वित्तीय वर्ष में किसी भी बचत खाते में 10 लाख+ नकद जमा करने पर बैंक आयकर विभाग को सूचित करता है।
**ध्यान रखें**यह नियम चालू खाते या टाइम डिपॉजिट पर लागू नहीं होता।
**समाधान**बड़ी रकम कैश में जमा करने से बचें। अगर कर भी रहे हैं, तो बैंक स्टेटमेंट और ITR में इनकम का स्पष्ट स्रोत दर्ज करें।
**3**30 लाख से अधिक की संपत्ति खरीद/बिक्री*
**नियम* 30 लाख से अधिक की संपत्ति के लेन-देन पर रजिस्ट्रार स्वतः विभाग को सूचना भेजता है।
**जोखिम** विभाग पूछ सकता है—"यह पैसा कहां से आया?" खरीदारी के लिए लोन लिया है, तो उसकी EMI और डॉक्यूमेंटेशन तैयार रखें।
**सलाह** संपत्ति बेचते समय कैपिटल गेन टैक्स का भुगतान करें और ट्रांजेक्शन का पूरा रिकॉर्ड रखें।
##4 शेयर म्युचुअल फंड में बड़ा निवेश**
**नियम** शेयर, MF, डिबेंचर आदि में 10 लाख+ निवेश करने पर ब्रोकरेज फर्म/AMC विभाग को सूचित करते हैं।
- **जांच का आधार**आपकी Annual Information Statement (AIS) में यह ट्रांजेक्शन दिखाई देगा। अगर निवेश का स्रोत आपकी डिक्लेयर्ड इनकम से मेल नहीं खाता, तो नोटिस आ सकता है।
**सुझाव**
निवेश के लिए बचत, वेतन, या पहले के निवेश के रिटर्न को स्रोत के रूप में दिखाएं।
5**क्रेडिट कार्ड बिल भुगतान**
**नियम*
- एक बार में 1 लाख+ का कैश पेमेंट।
- एक साल में कुल 10 लाख+ का कैश पेमेंट।
**जोखिम**विभाग मान सकता है कि यह "अवैध आय" है।
**समाधान** क्रेडिट कार्ड बिल का भुगतान ऑनलाइन करें या चेक से करें।
##अन्य भारी लेनदेन**
**उदाहरण**किसी को 2 लाख+ का कैश लोन देना, व्यवसाय में नकद खरीदारी (10,000+ प्रति दिन), या गिफ्ट में नकद लेना।
**कानून**
- **धारा 40A(3):** व्यवसाय में 10,000+ के कैश भुगतान पर टैक्स में छूट नहीं मिलती।
- **धारा 56(2):** 50,000+ के कैश गिफ्ट पर टैक्स लगता है।
- **सुझाव** 2,000 रुपये से अधिक के लेन-देन में UPI, चेक, या बैंक ट्रांसफर का उपयोग करें।
##नोटिस आने पर क्या करें?
- **डॉक्यूमेंटेशन** लेन-देन से जुड़े सभी रसीद, बैंक स्टेटमेंट, और ITR की कॉपी तैयार रखें।
- **वकील/CA से सलाह:** नोटिस का जवाब देते समय पेशेवर मदद लें।
- **समय सीमा** विभाग को 30 दिन के भीतर जवाब देना अनिवार्य है।
**निष्कर्ष**
"कैश इज किंग" का फंडा अब पुराना हो चुका है। डिजिटल ट्रांजेक्शन और पारदर्शिता से न सिर्फ आप नोटिस के जोखिम से बचेंगे, बल्कि टैक्स अथॉरिटी के साथ विश्वास भी बनाए रखेंगे। याद रखें—**"जितना डिजिटल, उतना सुरक्षित!,
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