क्राइम बीट: जब सच्चाई की तलाश में फसता एक पत्रकार


लेखक: [जगदीश यादव]

आज की डिजिटल दुनिया में पत्रकारिता एक चुनौतीपूर्ण पेशा बन चुका है। खासकर जब बात अपराध पत्रकारिता की हो, तो यह एक जोखिम भरा सफर साबित होता है। 'क्राइम बीट' इसी संघर्ष और रहस्य से भरी कहानी को दर्शाती है।

कहानी के केंद्र में है अभिषेक सिन्हा (साकिब सलीम), जो एक नौसिखिया क्राइम रिपोर्टर है। बनारस से दिल्ली आए इस महत्वाकांक्षी पत्रकार का सपना है कि वह खोजी पत्रकारिता की दुनिया में अपनी पहचान बनाए। लेकिन इस सफर में उसे न सिर्फ पेशेवर बल्कि नैतिक और व्यक्तिगत स्तर पर भी कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है।

साइबर अपराध और अंडरवर्ल्ड का सामना:

अभिषेक के हाथ एक बड़ी खबर लगती है, जो साइबर अपराध से जुड़ी होती है। यह रिपोर्ट उसे अपराध, भ्रष्टाचार और साजिश की ऐसी भूलभुलैया में ले जाती है, जहां सच और झूठ के बीच की लकीर धुंधली पड़ने लगती है। इसी दौरान उसे पता चलता है कि मोस्ट वांटेड भगोड़ा गैंगस्टर बिन्नी चौधरी (राहुल भट्ट) भारत लौटने वाला है। यह खबर उसे खोजी पत्रकारिता में बड़ा नाम बना सकती है, लेकिन इसी के साथ उसकी जिंदगी भी खतरे में पड़ जाती है।

पत्रकारिता बनाम नैतिकता:

कहानी जैसे-जैसे आगे बढ़ती है, अभिषेक खुद को मीडिया, कानून और अंडरवर्ल्ड के बीच फंसा पाता है। उसे यह तय करना होगा कि वह सच्चाई को उजागर करेगा या फिर अपनी महत्वाकांक्षाओं के लिए समझौता करेगा। यह संघर्ष केवल एक पत्रकार का नहीं, बल्कि हर उस व्यक्ति का है जो अपने मूल्यों के साथ जीना चाहता है, लेकिन दुनिया की सच्चाइयां उसे समझौता करने पर मजबूर कर देती हैं।

क्या क्राइम बट दर्शकों को बांध पाती है?

सीरीज अपने शुरुआती एपिसोड्स में बेहद रोमांचक नजर आती है। यह दर्शकों को एक खतरनाक दुनिया में ले जाती है, जहां नियम तोड़े जाते हैं और रहस्य छिपाए जाते हैं। क्राइम, इन्वेस्टिगेशन और राजनीति के ताने-बाने को बुने जाने की कोशिश की गई है, लेकिन यह 'दिल्ली क्राइम' जैसी असलियत से भरपूर क्राइम-ड्रामा सीरीज बनने में पूरी तरह सफल नहीं हो पाती।

इसके बावजूद, 'क्राइम बीट' का सबसे मजबूत पक्ष इसका केंद्रीय पात्र है। अभिषेक का संघर्ष और उसकी नैतिक दुविधा इसे भावनात्मक रूप से जुड़ाव रखने वाली कहानी बनाते हैं। यह शो दर्शकों को यह सोचने पर मजबूर करता है कि क्या सच्चाई की खोज वाकई इतनी आसान होती है? और क्या एक ईमानदार पत्रकार अपने सिद्धांतों के साथ इस दुनिया में टिक सकता है?

निष्कर्ष:

'क्राइम बीट' एक दिलचस्प क्राइम-थ्रिलर है, जो पत्रकारिता, अपराध और नैतिकता के जटिल पहलुओं को उजागर करती है। हालांकि, यह सीरीज कहीं-कहीं कमजोर पड़ती है और अधिक प्रभावशाली हो सकती थी। फिर भी, अगर आप एक ऐसी कहानी देखना चाहते हैं जो मीडिया और अपराध की दुनिया की हकीकत को छूती हो, तो यह एक बार जरूर देखी जा सकती है
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