Bad girl Teaser out: समीक्षा, कहानी और ट्रेलर

भारतीय सिनेमा में हाल के वर्षों में ऐसी कहानियां सामने आ रही हैं, जो समाज की गहराई और बार-बार अनोखे खुलासे को सामने लाती हैं। निर्देशित वेट्री की आगामी फिल्म बैड गर्ल इसी श्रेणी में एक नया अध्याय सूचीबद्ध है। यह फिल्म केवल मनोरंजन नहीं, बल्कि समाज की आने वाली सोच और महिलाओं के जीवन में वाली तस्वीर का दर्पण है।

कहानी का सार : जुआ अवस्था के रिश्ते की अनकही कहानी,
फिल्म की शुरुआत एक युवा महिला (अंजलि शिवरामन द्वारा अभिनीत) का अज्ञात नाम से होती है, जिसमें वह कहती है कि उसे हमेशा एक इंजीनियर बनना चाहिए। यह सादा-सा कथन एक ऐसी गहरी यात्रा की शुरुआत है, जो हर युवा महिला के जीवन में कभी नहीं होती है।

हाई स्कूल के दिनों में, जहाँ लड़कियाँ अपने जीवन के सबसे प्यारे दौर से गुज़रती हैं, वहाँ अंजलि को अपने सहपाठियों द्वारा 'बड़चलन' और 'निराश' कहे जाने का सामना करना पड़ता है। ये सिर्फ उनका अनुभव नहीं है, बल्कि कई महिलाओं की जिंदगी की हकीकत है।

कॉलेज एसोसिएशन पर, एक विकल्प में होने के बाद, उसे उस महिला-विरोधी सोच का सामना करना पड़ा, जो समाज के रिश्तों में गहराई तक की तस्वीर हुई है। यह कहानी केवल एक व्यक्ति की नहीं है, बल्कि जो भी उस महिला की आवाज है, वह अपने जीवन में इन कठिनाइयों का सामना करती है।

निर्देशक और संगीत:
बैड गर्ल केवल एक कहानी ही नहीं है, बल्कि तकनीकी दृष्टिकोण से भी यह एक उत्कृष्ट कलाकार बनने की क्षमता रखती है। राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता संगीतकार अमित कलाकार इस फिल्म के माध्यम से तमिल सिनेमा में डेब्यू कर रहे हैं। उन्होंने फिल्म के लिए छह गाने तैयार किए हैं, जो फिल्म की गहराई को और प्रस्तुत करते हैं।

फिल्म की सिनेमैटोग्राफी प्रीता टोकोन, जगदीश रवि और प्रिंस एंडरसन ने की है। इन कैमरों ने कहानी के हर दृश्य को जीवंत बना दिया है। वहीं, संपादित की गई मुख्य भूमिका राधा श्रीधर ने रखी है, प्रेमी कहानी की लय और धारा को बनाए रखा गया है।

कलाकारों का प्रदर्शन:
फिल्म में शांति प्रिया, सरन्या रविचंद्रन, हार्टु आरोन, तीजे अरुणासलम, और सशांक बोम्मिरेड्डी जैसेग्लैज कलाकार भी हैं। हर कलाकार ने अपनी छाप छोड़ी है, जिससे कहानी और बड़े पैमाने पर उत्पादन होता है।

अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान:
बैड गर्ल को रॉटरडैम इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल 2025 में टाइगर प्रतियोगिता का हिस्सा बनने के लिए चुना गया है। यह विश्व प्रीमियर फिल्म को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पहचानना एक बड़ा अवसर है।

समाज के लिए संदेश:
बैड गर्ल एक फिल्म से हंगामा एक सामाजिक आंदोलन की तरह है। यह कहानी उन युवतियों की सच्चाई सामने लाती है, समानता और भावनाओं को बार-बार समाज के दोगले युवाओं के कारण दबाया जाता है।

निर्देशित वेट्री की यह फिल्म हर उस महिला के लिए एक कहानी है, जिसने समाज की सोच के खिलाफ अपनी जगह बनाने की कोशिश की है। बुरी लड़की न केवल युवतियों की कहानी कही जाती है, बल्कि समाज को अपने दृष्टिकोण पर सवाल उठाने पर मजबूर किया जाता है।

निष्कर्ष:
बैड गर्ल सिर्फ एक फिल्म नहीं, बल्कि उन अनकही भावनाओं का जश्न है, जो हर युवा महिला अपने दिल में छुपी हुई लिखती है। यह फिल्म देखने वालों को देखने के लिए मजबूर करती है कि समाज में महिलाओं के प्रति उनके दृष्टिकोण में भिन्न बदलाव की जरूरत है।

फिल्म का प्रदर्शन 30 जनवरी से 9 फरवरी 2025 तक रॉटरडैम फिल्म फेस्टिवल में होगा। यह देखना दिलचस्प है कि अंतर्राष्ट्रीय मंच पर इस कहानी को कैसा रिस्पॉन्स मिलता है।
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