यूपी रोडवेज में ड्राइवर भर्ती: 7 हजार से अधिक ड्राइवर की जाएगी भर्ती,इस प्रकार आवेदन करें।

यूपी रोडवेज: रोजगार के नए द्वार खोलते 7,188 संविदा ड्राइवरों की भर्ती अभियान

उत्तर प्रदेश परिवहन निगम ने एक बड़ी पहल करते हुए 7,188 संविदा बस ड्राइवरों की भर्ती का ऐलान किया है। यह कदम राज्य में महाकुंभ 2025 की तैयारियों को ध्यान में रखते हुए उठाया गया है। भर्ती प्रक्रिया को सुचारू और पारदर्शी बनाने के लिए 28 नवंबर से 10 दिसंबर तक 20 जिलों में रोजगार मेले आयोजित किए जाएंगे।

उत्तर प्रदेश में ड्राइवर भर्ती का उद्वेश्य,
महाकुंभ जैसे बड़े आयोजनों के लिए राज्य में परिवहन व्यवस्था को मजबूत बनाना और श्रद्धालुओं को सुगम यात्रा सुविधा प्रदान करना है। साथ ही, परिवहन निगम में चल रही ड्राइवरों की कमी को पूरा करना भी इस अभियान का एक मुख्य लक्ष्य है।

7188 संविदा ड्राइवर की जरूर क्यों?
वर्तमान में निगम को 1,300 संविदा ड्राइवरों की कमी का सामना करना पड़ रहा है।
3,108 नई बसों को शामिल करने के लिए प्रत्येक बस के लिए दो ड्राइवर की आवश्यकता है।
महाकुंभ के दौरान 7,000 बसों के संचालन की योजना है।
रोजगार मेले की शेड्यूल:
28 नवंबर से शुरू होकर 10 दिसंबर तक 20 जिलों में रोजगार मेले लगाए जाएंगे।

28 नवंबर: लखनऊ, नोएडा, आगरा, मुरादाबाद, गोरखपुर।
2 दिसंबर: गाजियाबाद, अलीगढ़, बरेली, अयोध्या, वाराणसी।
6 दिसंबर: मेरठ, इटावा, हरदोई, देवीपाटन, आजमगढ़।
10 दिसंबर: सहारनपुर, कानपुर, झांसी, चित्रकूटधाम-बांदा, प्रयागराज।
भारती के लिए पात्रता और प्रक्रिया:
इच्छुक उम्मीदवारों का चयन रोजगार मेलों के माध्यम से किया जाएगा।
पहले चरण में सेवानिवृत्त ड्राइवरों को मेडिकल रिपोर्ट के आधार पर संविदा पर रखने का मौका दिया जाएगा।
नए ड्राइवरों के लिए शारीरिक परीक्षण और वाहन संचालन कौशल की जांच होगी।
परिवहन मंत्री का बयान:
परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह ने कहा कि यह भर्ती अभियान न केवल महाकुंभ के लिए तैयारी है, बल्कि राज्य में रोजगार सृजन का भी एक बड़ा कदम है। उन्होंने बताया कि संविदा ड्राइवरों की नियुक्ति के बाद रोडवेज बसों के संचालन में सुधार होगा।

निगम की योजना:
महाकुंभ जैसे बड़े आयोजन के लिए 7,000 अतिरिक्त बसों को तैनात करने की योजना है। इन बसों के सुचारू संचालन के लिए पर्याप्त संख्या में अनुभवी ड्राइवरों का चयन किया जाएगा।

यह भर्ती अभियान न केवल राज्य के युवाओं को रोजगार के अवसर प्रदान करेगा, बल्कि परिवहन व्यवस्था को भी अधिक सुदृढ़ और विश्वसनीय बनाएगा। यह पहल यूपी रोडवेज की संचालन क्षमता और यात्रियों की सुविधा को बढ़ाने में मील का पत्थर साबित हो सकती है।

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