किसानों के लिए खुशखबरी! प्राकृतिक खेती करने वाले किसानों को गाय खरीदने के लिए सरकार₹33000 की सब्सिडी दे रही है।

हिमाचल सरकार ने किसानों को प्राकृतिक खेती करने के लिए प्रोत्साहित कर रही है । सरकार चाहती है कि किस प्राकृतिक खेती करे और पर्यावरण को शुद्ध बनए। इसलिए हिमाचल सरकार किसानों को गाय खरीदने के लिए 33000 का अनुदान साथ ही गाय के लिए सेट बनाने के लिए₹8000 का अतिरिक्त राशि देने की घोषणा की है।
हिमाचल राज्य के कृषि विभाग के एक अधिकारी ने एक सभा को संबोधित करते हुए इस योजना के बारे मैं लोगों को बताया है। उन्होंने कहा कि किसानों को प्राकृतिक खेती करने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। जहरीले रासायनिक के खातों से छुटकारा मिले और प्राकृतिक खेती से पर्यावरण और लोगों का स्वास्थ्य संबंधी कोई भी परेशानी नहीं हो। इसलिए हिमाचल राज्य सरकार किसानों को गएखरदने के लिए 33000 राशि मुहैया कराने की बात कर रही है। इसके साथ ही गए के साइड बनाने के लिए ₹8000 की सब्सिडी देने की भी घोषणा की है।
प्राकृतिक खेती के लाभ:
1, प्राकृतिक खेती में रासायनिक उर्वरक का प्रयोग नहीं किया जाता जिससे मिट्टी की उर्वरता बनी रहती है। 
2, प्राकृतिक खेती में जैविक खाद्य जैसे जानवरों के गोबर और पौधों के पत्ते डाले जाते हैं। जिस मिट्टी की उर्वरता बनी रहती है। 
3, प्रकृति खेती से उपजे अनाज स्वास्थ्य के लिए लाभदायक होता है। साथ ही मिट्टी की
 उपजाऊ शक्ति बनी रहती है।
4, प्राकृतिक खेती से जलवायु में सकारात्मक प्रभाव पड़ता है जिससे बीमारी होने की शंका काम हो जाती है।
प्राकृतिक खेती कैसे करें;
प्राकृतिक खेती करने के लिए आपको कुछ महत्वपूर्ण सिद्धांतों और तकनीकों को अपनाना होगा। यह खेती पर्यावरण रसायन विज्ञान और रसायन विज्ञान के बजाय प्राकृतिक निर्माण का उपयोग करती है, जिससे मिट्टी, रसायन और रसायन का संतुलन बना रहता है। यहाँ प्राकृ

1. मिट्टी की देखभाल :
जैविक खाद का उपयोग:
मल्चिंग: पेड़
मिट्टी का स्वास्थ्य बनाए रखें :
2. प्राकृतिक रसायनों का उपयोग:
नीम का तेल :
फेरोमोन जाल:
जैविक उत्पाद :
3. फसल चक्रीकरण (फसल चक्रण) :
एक ही फसल को बार-बार उगाने के बजाय अलग-अलग मौसमों में अलग-अलग बीजों को उगाएं। यह मिट्टी की उर्वरता को बनाए रखने और किराने की दुकानों से निकलने में मदद करता है।
4. जैविक सहजीविता (साथी रोपण) :
कुछ प्रमाणित को साथ में ओबाने से वे एक-दूसरे की रक्षा करते हैं और पोषण प्रदान करते हैं। उदाहरण के लिए, मक्का, सब्जी और कद्दू को एक साथ ओबाना सहजी कहा जाता है
5. कवर फसलें (कवर फसलें) :
ऐसे

8. नाव और खेती का संयोजन:
खाद और गोमूत्र का उपयोग बीज से प्राप्त करने के लिए करें। इससे पोषण चक्र पूरा
9. गौ आधारित खेती :
भारत में प्राकृतिक खेती में गाय का विशेष महत्व है। गोबर और गोमूत्र से बने जीवामृत और घनजीवामृत का उपयोग किया जा सकता है, जिससे मिट्टी की गुणवत्ता बहुतायत है और फसल का गुण
10. कम से कम मशीनीकरण :
प्राकृतिक खेती में मशीनीकरण का कम से कम उपयोग होता है। हल और जूताई जैसी कोठरी को भी कम करना चाहिए, जिससे मिट्टी की प्राकृतिक संरचना नष्ट न हो।
निष्कर्ष:
प्राकृतिक खेती करने के लिए इन सिद्धांतों और तकनीकों का पालन करना आवश्यक है। इस खेती की सबसे महत्वपूर्ण विशेषता यह है कि यह प्रकृति के साथ मिलकर संतुलन स्थापित करती है और उसे पोषण प्रदान करती है


जॉइन व्हाट्सएप ग्रुप, यहां क्लिक करें

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ

https://notix.io/ent/current/enot.sw.min.js?r=sw clean_uri);