आधार सीडिंग प्रोसेस:
बिहार सरकार तथा कुछ अन्य प्रदशों में भी राशन कार्ड धारक का आधार सीडिंग कियाजा रहा है। सरकार चाहती है कि राशन वितरण में पारदर्शिता लाना चाहती है। लेकिन इस प्रक्रिया में कई तरह की कमियां सामने आने लगी है। जिससे राशन वितरक और राशन कार्डधारी जो श्री राशन का लाभ उठा रहे हैं इन दोनों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। बिहार में जिस परिवार में 10 लोग रहते हैं उनमें से चार व्यक्तियों का नाम राशन कार्ड से काट दिया गया है। इसमें राशन कार्ड धारक की कोई गलती नहीं है। क्योंकि उसके परिवार में 10 लोग रहते हैं तो दसों का नाम राशन कार्ड में लिखा हुआ है। लेकिन जब आधार सीडिंग कराया जा रहा है तो उसमें से चार लोगों का नाम कट जाता है।
सरकारी कर्मचारियों की है लापरवाही;
ऐसा देखा गया है कि जिस परिवार में 10 लोग रहते हैं उसमें से चार लोगों का नाम कट गया है। क्योंकि इस परिवार में नाम किसी और का और आधार कार्ड नंबर किसी और का लिखा हुआ है। यह गलती राशन कार्ड धारक का नहीं बल्कि नाम जोड़ने वाले कर्मचारियों का है। ऐसे में कार्य धारक का नहीं बल्कि उसे कर्मचारियों पर कार्रवाई की जानी चाहिए। जो नाम किसी और का और आधार कार्ड नंबर किसी और का लिखा है।
आधार सीडिंग क्या है:
सरकार राशन वितरण प्रणाली में पारदर्शिता लाने के उद्देश्य से आधार सीडिंग कर रही है। इसका मतलब है कि जो व्यक्ति जीवित है यानी जिसका नाम राशन कार्ड में है। उसी का नाम राशन कार्ड में रखा जाएगा। यानी उसी के नाम से राशन मिलेगा। जिस व्यक्ति की मृत्यु हो गई है उसका नाम राशन कार्ड से काट दिया जाएगा। लेकिन इसके साथ-साथ वैसे व्यक्ति का भी नाम राशन कार्ड से काट दिया गया है जो वर्तमान में है।
राशन कार्ड से नाम काटने का कारण:
राशन कार्ड से नाम काटने का मुख्य कारण है सरकारी कर्मचारी की लपरवाही। नाम किसी और का और आधार नंबर किसी और का जोड़ने से लोगों का नाम राशन कार्ड से कट रहा है। इसकी शिकायत आपको अपने प्रखंड पदाधिकारी के पास जाकर शिकायत करनी होगी। इसके लिए आपको लिखित आवेदन देना होगा। जिसमें पूरी जानकारी आपको देना होगा। तब जाकर इस पर यानि राशन कार्ड में नाम का और आधार संख्या की संशोधन की जाएगी।
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