आयुष्मान कार्ड से नहीं मिल रहा मुफ्त इलाज: लोगों ने बताई सच्चाई।

क्लेम को लेकर सरकार और निजी अस्पताल में विवाद:
कहने को आयुष्मान स्कीम में आर्थिक तौर पर कमजोर परिवारों को 5 लाख तक का इलाज मुक्त दिया जाता है। लेकिन सरकार और प्राइवेट हॉस्पिटल में क्लेम क्लियर ना होने के कारण रुक मुफ्त के ट्रीटमेंट के कारण इलाज के लिए पहुंचने वाले मरीज को उधार लेकर इलाज करवाने के लिए मजबूर कर दिया है। सरकारी अस्पतालों में पहले मिली मनही यह खामियोंके कारण मैरिज वहां जाने से झिझकते है, और बेहतर इलाज की चाहत में प्राइवेट में ही रुक रहे हैं। हालांकि जो मरीज इलाज करवा पाने में सक्षम नहीं है वह फिलहाल के लिए इंतजार कर रहे हैं या सरकारी हॉस्पिटलजा रहे हैं। लेकिन सरकारी हॉस्पिटल मैं भी स्पेशलाइज्ड डॉक्टर की कमी के कारण मरीज को परेशानी उठानी पड़ती है।

 सरकारी अस्पताल में 9 सितंबर से 15 सितंबर तक डॉक्टरों की हड़ताल के कारण इलाज नहीं मिला। 
18 सितंबर से प्राइवेट अस्पताल और नर्सिंग होम एसोसिएशन पंजाब और 23 सितंबर से अन्य सभी प्राइवेट हॉस्पिटल द्वारा भी 600 करोड़ का क्लेम क्लियर होने तक स्कीम के तहत इलाज न देने का निर्णय लिया है ।

2019 से यह स्कीम शुरू हुई है लेकिन जिस तरह से मरीजों को इसका लाभ मिलना चाहिए वह नहीं हो रहा है। 2021 से मरीजों को इस स्कीम के तहत कभी इलाज मिलता है कभी नहीं मिलता है। 2023 दिसंबर से 2024 अगस्त तक 11942 मरीजों को सरकारी अस्पताल में इलाज मिला है। जबकि सेहत विभाग के पास है उपलब्ध डाटा के अनुसार 2019 से लेकर 2024 फरवरी तक प्राइवेट हॉस्पिटल द्वारा 84500 से ज्यादा ट्रीटमेंट दिया जा चुका है। वहीं प्राइवेट हॉस्पिटल मेंभी कोई इलाज ना दे इस पर संगठन द्वारा पूरी तरह से नजर रखी जा रही है। 
लोगों ने बताई यह सारी दिक्कतें:

सरकारी अस्पताल में दिक्कत:
मेरे पति का कुल्हा टूट गया था। हमें कार्ड पर तो कोई इलाज मिल ही नहीं रहा। हमें अपनी तरफ से 60000 का खर्च करना पड़ा उसके लिए रिश्तेदारों से उधार लिया है। पति का तबीयत ठीक नहीं थी और हम सरकारी हॉस्पिटल नहीं गए क्योंकि वहां हमें पहले भी इलाज के लिए परेशानी का सामना करना पड़ा था। आयुष्मान कार्ड हमें कोई फायदा नहीं मिला।

आयुष्मान कार्ड पर नहीं मिल रहा इलाज: 
मेरे 70 वर्षीय पिता के पांव से गाड़ी का टायर गुजरने के कारण उनका इलाज चल रहा था। खाने को तो 5 लाख का इलाज मुफ्त है लेकिन हमें इलाज नहीं मिल रहा। एक बार ऑपरेशन हो चुका है और अब फिर से ऑपरेशन बताया गया है। पहले हम सरकारी अस्पताल में गए थे लेकिन वहां डॉक्टरों की हड़ताल के कारण हमें रेफर किया गया था। लेकिन हमारे लिए दूसरी जगह जाना संभव नहीं था। ऐसे में हम प्राइवेट हॉस्पिटल मैं कार्ड के साथ पहुंचे लेकिन यहां आने पर पता चला कि कार्ड पर इलाज नहीं मिलेगा। इसलिए हम रिश्तेदारों से कर्ज लिए हैं और इलाज करवा रहे हैं। 
जगह-जगह भटक रहे लोग: 
सास का इलाज पहले प्राइवेट हॉस्पिटल मैं करवाया था लेकिन जब उन्हें पिछले हफ्ते परेशानी हुई तो हम दोबारा हॉस्पिटल गए तो पता चला कि कार्ड पर इलाज नहीं मिलेगा। इस पर हम सरकारी अस्पताल मेंआ गए। मेरे सास को सांस की परेशानी है। इलाज के लिए हमें जगह-जगह भटकना पड़ रहा है।


यह आर्टिकल दैनिक भास्कर से ली गई है।

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