प्रधानमंत्री मातृत्व वंदना योजना में कौन-कौन लाभ ले सकता है और कौन नहीं?
प्रधानमंत्री मातृत्व वंदना योजना, मातृत्व सहयोग योजना का बदला हुआ रूप है। यानी इस योजना का नाम पहले मातृत्व सहयोग योजना था। इस योजना के अंतर्गत सरकार पहले जीवित थे बच्चे के जन्म के लिए गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं को ₹6000 सहायता प्रदान करती है।
प्रधानमंत्री मातृत्व वंदना योजना, मातृत्व सहयोग योजना का बदला हुआ रूप है। यानी इस योजना का नाम पहले मातृत्व सहयोग योजना था। इस योजना के अंतर्गत सरकार पहले जीवित थे बच्चे के जन्म के लिए गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं को ₹6000 सहायता प्रदान करती है।
इस योजना को केंद्र सरकार के केंद्रीय मंत्रिमंडल ने मंजूरी दी है। केंद्रीय मंत्रिमंडल इसे और अधिक आकर्षक बनाने के लिए प्रधानमंत्री मातृत्व वंदना योजना का नाम दिया है। इस योजना को 2009 के आसपास शुरू किया गया था। उस समय इस योजना के बारे में ज्यादा लोग नहीं जान पाए इसलिए सरकार चाहती है कि इस योजना को अधिक से अधिक लोगों को जानकारी पहुंचाई जाए। जिससे उनको इस योजना का उचित लाभ मिल सके।
प्रधानमंत्री मातृत्व वंदना योजना का उद्देश्य।
1, काम करने वाली महिलाओं को आंशिक के मुआवजा देना और उनके उचित आराम पोषण को सुनिश्चित करना।
2, नगरी प्रशासन के माध्यम से गर्भवती महिलाओं और स्थान पर आने वाली माताओं के स्वास्थ्य में सुधार तथा निम्न पोषण को कम करना है।
3, प्रधानमंत्री मातृत्व वंदना योजना जिसे पहले इंदिरा गांधी शासनकाल में इसे इंदिरा गांधी मातृत्व सहयोग योजना के नाम से जाना जाता था।
प्रधानमंत्री मातृत्व वंदना योजना की लाभ
1, इस योजना के तहत पहली जीवित बच्चों के जन्म के लिए गर्भवती महिलाओं और स्तनपान कराने वाली माताओं को फायदा होगा।
1, गर्भावस्था के पंजीकरण के समय ₹1000 की पहली किस्त प्रदान की जाएगी।
2, 6 महीने की गर्भावस्था के बाद कम से कम एक प्रसव पूर्व जांच के बाद ₹2000 की दूसरी की अदा की जाएगी।
3, जब बच्चे का पंजीकरण हो जाता है और बच्चे काBCG,OPV,DPT और हैपेटाइटिस बी सहित काला टीका चक्र होता है तो ₹3000 की तीसरी किस्त प्रदान की जाती है।
इनको नहीं मिलेगा लाभ।
1, ऐसी महिलाएं जो केंद्र सरकार या राज्य सरकार के नियमित रोजगार में हो।
2, ऐसी महिला है जो किसी अन्य योजना या कानून के तहत समय की लाभ ले रही हो।
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