कबूतर को अपना रास्ता खोजने की अद्भुत क्षमता के लिए जाना जाता है। बदलते परिदृश्य को और जटिल राष्ट्र के बावजूद अपना गंतव्य स्थान तलाश कर लेते। वाह यह काम सदियों से इतनी अच्छी तरह से करते हैं कि 2000 वर्ष पहले सुरक्षित संचार के स्रोत के रूप में उनका उपयोग किया जाता है।
प्रोसीडिंग ऑफ नेशनल एकेडमी ऑफ साइंसेज में प्रकाशित शोध में एक सिद्धांत का परीक्षण किया गया, जिसमें कबूतरों के कानों के आंतरिक भाग भाग में पाई जाने वाली छोटी गांठ हो में मौजूद लोहे से भरपूर सामग्री को उनकी चुंबकीय क्षमता से जोड़ने की कोशिश की गई है। वैज्ञानिकों ने बताया है कि कबूतरों के घर लौटने का सिद्धांत उनके भीतर मौजूद चुंबकीय क्षमता पर आधारित है।
जिसमें उन्हें शायद है चुंबकीय कणआधारित दिशा ज्ञान प्राप्त होता है। चुंबकीय कार्य प्रकृति में मैग्नेटिक बैक्टीरिया नामक बैक्टीरिया नामक के बैक्टीरिया के एक समूह में पाए जाते हैं।
यह बैक्टीरिया चुंबकीय कण उत्पन्न करते हैं और सोए को पृथ्वी की चुंबकीय क्षेत्र रेखाओं के साथ जुड़े रखते हैं। वैज्ञानिक के कई प्रजातियों के चुंबकीय कानों की तलाश कर रहे हैं।
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